उपज के नुकसानों में शामिल है प्राकृतिक आग और बिजली गिरना; तूफान, ओला वृष्टि, चक्रवात, बवंडर, आंधी, झंझावात और टॉर्नेडो इत्यादि; बाढ़, जल प्लवन और भूस्खलन; सूखा, बारिश का अभाव; कीट/रोग इत्यादि.
बोआई न हो पाना ऐसे मामलों में जहां अधिसूचित क्षेत्र के अधिकांश बीमित किसान बोआई/ रोपाई करने के इच्छुक हैं और इस प्रयोजन के लिए खर्च कर चुके हैं, वे लोग यदि विपरीत मौसम की स्थितियों के कारण बोआई/ रोपाई नहीं कर पाते हैं तो वे अधिकतम २५% तक दावों की क्षतिपूर्ति के लिए पात्र होंगे.
कटाई पश्चात नुकसानों का कवरेज: उन फसलों की कटाई से १४ दिन की अधिकतम अवधि तक चक्रवात और चक्रवाती बारिश और बेमौसम बरसातों के विशिष्ट जोखिमों के प्रति केवल कवरेज उपलब्ध है जिन्हें कटाई करने के बाद खेत में काट कर फैलाकर सूखने के लिए रखा गया है.
स्थानीय आपदाएँ अधिसूचित क्षेत्र में अलग थलग खेतों को प्रभावित करनेवाली ओला वृष्टि, भूस्खलन और जल प्लवन के चिन्हित स्थानीय जोखिमों के कारण होनेवाली हानि/ नुकसान.